Sunday, May 8, 2011

raat ke paigam......

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यूं तो रात हर रोज आती है पर कुछ सुबह के साथ खुश खबरी लती है तो कुछ सुबह के साथ एक कशिश दे जाती है वो रात ही क्या जो कोई पैगाम न ले कर आये और वो सुबह ही क्या जो ख़ुशी और कशिश की किरने न बिखेर पाए |

Tuesday, May 3, 2011

yaadon ke pano........

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यादों के पन्नो में , कुछ अहसासों के दरकत है |

कुछ खोये से हम हैं , कुछ खोये से तुम हो ||

न जाने किस बात का , अब मैं इंतजार करता हूँ |

कभी खुद से तो कभी , तुम्हारी यादों से सवाल करता हूँ ||
 

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