Monday, March 19, 2012

bemani bahut hai ( बेमानी बहुत है )

,

ज़िन्दगी के यूं तो, 
अफसाने बहुत हैं.....
मौत के कम इसके,
दीवाने बहुत हैं.......

यूं तो हर मोड़ पे,
इसे चाह करें हम.....
इसकी फितरत में फिर भी,
बेमानी बहुत है.......

Friday, March 16, 2012

kuch modo pe (कुछ मोड़ो पे)

,

कुछ मोड़ो पे आ रुके,
तो कुछ मंजिल से जा मिले.....
थे ये मुकद्दर के फासले,
जो वक़्त की ठोकर पे बस रुके...

Wednesday, March 14, 2012

apne paymanoo me (अपने पयामानो में)

,

वो अपने पयामानो में, कुछ बयाँ होते रहे थे ,
और हम उनके पयमाने ही न पढ़ सके......
मनो वो अपने अल्फाज़ो में, ही कुछ बुद-बुदा रहे थे,
और हम उनके अल्फाज़ ही न समझ सके.....

Wednesday, March 7, 2012

Gar bandh pata hasrate (गर बाँध पाता हसरते)

,


गर बाँध पाता हसरते...
तो तेरी चाहत न होती...
तुझे पाने की तमन्ना...
और आरजू न होती...

Hasrat (हसरत )

,


हसरतों को पन्नो में 
समेटने चला था...
पर मालूम न था 
उसका अंदाज़-ए-बयाँ... 

सो कुछ लिखता गया.. 
कुछ कहता गया...  
 ख्वाबगाहों से उठा बस ... 
कागज़ पे ही पटकता गया... 

 ****पर जब देखा उन्हें तो मालूम हुआ की**** 
जैसे  

कुछ पूरी थी उनमे...... 
कुछ अधूरी थी उनमे.... 
कुछ कही हुई...... 
कुछ अनकही थी उनमे.....  

सो मै कहता गया... 
और मै सहता गया... 
कुछ अधूरी की फंस लिए....
बस अल्फाजों में अपने बहता गया.... 

मनो एक तमन्ना लिए..... 
एक आरजू लिए..... 
उन्हें पूरा करने का बस...... 
खूद से एक वादा लिए.....

Thursday, March 1, 2012

Raha jati hai yaad (रह जाती है याद )

,
 
वो बचपन की यादें
वो लड़पन का साथ
वो कुछ मेरी बातें
वो कुछ तेरी याद

वो किस्से सुनाना
वो लड़की पटाना
वो मुड़-मुड़ के कहना
वो दिखती है माल

वो कह देना तुमसे
अपने दिल का सब हाल
फिर सुनना तुम्हारी
दिनभर की बात

याद है मुझे अब भी
वो सारी बात
वो लड़ना मेरा
वो चिढ़ना तेरा

वो झगड़े के बाद
पैसे लौटने की बात
फिर कुछ सोच कर
वो गरियाना मेरा यूं

वो फैलाकर बकर 
बस लगाना मज़े यूँ
फिर सब को हँसा के
यूँ महफ़िल सजाना 

फिर होली की मस्ती
दिवाली की धूम
वो दशहरे की हुल्लड़ 
न्यू इयर की झूम

वो हर बात पर 
बस करना मजाक
वो हर बात पर
बस दोहराना यही कि

टेंशन से होता नहीं
 अपना कोई काम
फिर तिकड़म लगा कर 
हर मुश्किल भगाना 

याद है मुझे अब-भी
वो हर एक जुगाड़
आये जो मुश्किल
करना बस याद

 दिल से दे देना
एक दस्तक-ए-खास
फिर पाओ गे तुम
मुझे अपने ही पास

क्योंकि दोस्ती है अपनी
इस दुनिया से खास
और ये बचपन की यादें
और लड़पन का साथ

याद आएगा हमको
मेरे-तेरे जाने के बाद
क्योंकी मिट जाता है
सब कुछ जाने के बाद

रह जाती है याद
रह जाती है याद
.......

 

ankahe alfaz.......... Copyright © 2011 -- Template created by Ritesh Rastogi -- Powered by Ritesh Rastogi