Monday, September 12, 2011
Tuesday, September 6, 2011
sawalo ki........ ( सवालों की )
Posted by
ankahe alfaz
,
at
8:52 PM
सवालों की कड़ी हम बिछाते गए यूँ
की वजूद हम खुद का मिटाते गए यूँ
न उनपे यकीं था न खुद पे यकीं था
बस सवालों के तरकश चलते गए यूँ
ये समय का पलट था या जेहनी खलल
या उन तारों का लिखा निभाते गए यूँ
पर करें तो करें क्या ,ये अब सोचते हैं
ले सवालों को इन, खुद ही खोजते हैं
सबक पाने को उन गलतियों से हम अपनी
बस सवालो के तरकश खुद पे छोड़ते हैं ...
हाँ छोड़ते हैं....................... खुद पे छोड़ते हैं
Saturday, September 3, 2011
Friday, September 2, 2011
tum the to.....
Posted by
ankahe alfaz
,
at
8:26 AM
तुम थे तो हाँ कुछ बात थी
तुम नहीं तो शायद फिर नहीं
ये साथ वक़्त के साथ था
शायद अब वो वक़्त ही नहीं
पर रहता नहीं वक़्त हर का हमेशा
कभी न कभी तो पलटता है ये भी
जो पलटे ये मेरा तो साथ हो तेरा
दुआ हैं खुदा से बस अब तो यही
तुम्हारी कमी यु तो पल-पल खलेगी
और हर महफ़िल तुम बिन सूनी लगेगी
क्योकि तुम थे तो हैं कुछ बात थी
पर तुम नहीं तो हाँ यक़ीनन नहीं...
हाँ नहीं................हाँ नहीं..............
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