Sunday, May 8, 2011

raat ke paigam......

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यूं तो रात हर रोज आती है पर कुछ सुबह के साथ खुश खबरी लती है तो कुछ सुबह के साथ एक कशिश दे जाती है वो रात ही क्या जो कोई पैगाम न ले कर आये और वो सुबह ही क्या जो ख़ुशी और कशिश की किरने न बिखेर पाए |

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